प्रशासन

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानें, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिषद द्वारा केंद्रीय रूप से प्रशासित होती है। यह परिषद इन संस्थानों की गतिविधियों को समन्वित करने वाला शीर्ष निकाय है जिसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा की गई है। परिषद के अध्यक्ष भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री होते हैं।

प्रत्येक प्रौद्योगिकी संस्थान के संपूर्ण प्रशासन और नियंत्रण  के लिए अधिशासी मंडल होते है जो संपूर्ण प्रशासन एवं नियंत्रण के लिए उत्तरदायी होते है।

संस्थान का प्रशासन निदेशक द्वारा समन्वित एवं प्रबंधित किया जाता है जिनकी सहायता निम्नलिखित पदाधिकारी करते हैं।

संकायाध्यक्ष शैक्षणिक एवं अनुसंधान

संकायाध्यक्ष शैक्षणिक एवं अनुसंधान, संस्थान में पहल की गई शैक्षणिक एवं अनुसंधान से संबंधित सभी गतिविधियों को देखते हैं।

संकायाध्यक्ष छात्र कार्य

संकायाध्यक्ष छात्र कार्य, परिसर में छात्र कल्याण कार्य संबंधित संपूर्ण गतिविधियों के लिए उत्तरदायी होते हैं।

संकायाध्यक्ष अनुदानित शोध एवं औद्योगिक सलाहकारिता

संकायाध्यक्ष अनुदानित शोध एवं औद्योगिक सलाहकारिता, संपूर्ण बाह्य वित्त पोषित अनुसंधान एवं सलाहकारिता के लिए उत्तरदायी होते हैं।

कुलसचिव

कुलसचिव प्रमुख अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं और संस्थान के प्रशासन संबंधी कार्यों को देखते हैं।

संस्थान की शैक्षणिक नीति का निर्धारण अभिषद् करती है और साथ ही पाठ्यक्रम एवं परीक्षाफल को अनुमोदित करती है। यह समय-समय पर उत्पन्न होने वाली विशिष्ट शैक्षणिक समस्याओं का निराकरण करने हेतु समिति का गठन करती है। संस्थान के विभिन्न विभागों के शिक्षण, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान गतिविधियों की सुविधा एवं स्तर में सुधार लाने के लिए निरंतर समीक्षा की जाती है। संस्थान के निदेशक अभिषद् के अध्यक्ष होते हैं।      

वित्त समिति द्वारा संस्थान को वित्तीय परामर्श दिया जाता है। इसी तरह भवन एवं निर्माण कार्य समिति है जो भवन निर्माण कार्य एवं उसकी गतिवधियों से संबंधी मामलों में परामर्श देती है। यह समितियाँ अधिशासी मंडल द्वारा नियुक्‍त की जाती है।