January-March
भा.प्रौ.सं. रोपड़ में हिंदी कार्यशाला का आयोजन (दिनांक 20 फरवरी 2025)
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में हिंदी प्रकोष्ठ, भा.प्रौ.सं. रोपड़ ने जनवरी-मार्च 2025 तिमाही के दौरान हिंदी कार्यशाला का आयोजन संपन्न किया। संस्थान का हिंदी प्रकोष्ठ प्रति तिमाही एक कार्यशाला का आयोजन संपन्न करता आ रहा है। इसी क्रम में, दिनांक 20 फरवरी 2025 को आनलाइन माध्यम से हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य संस्थान सदस्यों को उन सभी तकनीकी
टूल्स के संबंध में परिचित करना था जिसके सहयोग से वे अपना कार्यालयनी कामकाज हिंदी में द्रुत गति से संपन्न कर सकेंगे।

अंग्रेजी से हिंदी में कामकाज को पुष्ट करने के मार्ग में अनुवाद एक सेतु की भूमिका का निर्वहन करता है। इस बिंदु को ध्यान में रखते हुए भा.प्रौ.सं. रोपड़ के हिंदी प्रकोष्ठ “कंठस्थ” टूल के संबंध में संस्थान के कर्मचारी सदस्यों को मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया। “कंठस्थ” पर मार्गदर्शन करने हेतु भारतीय प्रबंधन संस्थान, मुंबई के हिंदी अधिकारी मो. आफताब
आलम जी को वक्ता के रुप में आमंत्रित किया गया था। इस कार्यशाला का भा.प्रौ.सं. रोपड़ के कर्मचारिगणों के साथ-साथ नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य कार्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारी सदस्यों ने भी लाभ लिया।
उपर्युक्त उद्देश्य की पूर्ति हेतु संस्थान सदस्यो का मार्गदर्शन करने हेतु डॉ. सौरभ कुमार, हिंदी अधिकारी, भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद को विशेष रुप से आमंत्रित किया गया था। आमंत्रित वक्ता डॉ. सौरभ कुमार ने इस डिजीटल/तकनीकी युग में हिंदी के कार्यान्वयन को सरलता से किस प्रकार किया जा सकता है इसकी विस्तार से जानकारी देते हुए संभावित समस्याओं को भी इंगित कर उनका समाधान प्रस्तुत किया।
उक्त कार्यशाला में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ के कर्मचारियों के साथ-साथ नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति रुपनगर के सदस्य कार्यालयों/बैंको के सदस्यों ने उत्साहजनक प्रतिभागिता सुनिश्चित की।
इस कार्यशाला के आरंभिक चरण में, भा.प्रौ.सं. रोपड़ के हिंदी अधिकारी श्री विपिन कुमार ने औपचारिक स्वागत करते हुए आमंत्रित वक्ता महोदय का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ की ओर से स्वागत एवं अभिवादन किया। साथ ही, नराकास रुपनगर के सदस्य कार्यालयों के उपस्थित कार्मिकों का भी भी हार्दिक स्वागत किया।
अपने मार्गदर्शन पर वक्तव्य में आमंत्रित वक्ता ने सभी के साथ कार्यशाला के विषय पर चर्चा की। सूचना प्रौद्योगिकी के स्वरुप-विवेचना करते हुए बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ आवाज, डेटा वीडियो का उपयोग करके सूचना का प्रबंधन एवं वितरण करने के लिए हार्डवेयर सॉफ्टवेयर, सेवाओं और सहायक बुनियादी ढ़ांचे का उपयोग है। यह एक ऐसा माध्यम है जिससे आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना संग्रह, भंडारण, आदान-प्रदान, सुरक्षा, परिवर्तन, अध्ययन, डिजाइन
आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिए आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों की आवश्यकता होती है।


आमंत्रित वक्ता महोदय अपने विचारों को साझा करते हुए
आमंत्रित वक्ता महोदय ने अपने विचारों को आगे ले जाते हुए मशीनी अनुवाद
सटिकता के संबंध में मार्गदर्शन किया। मशीनी अनुवाद के संबंध में कंठस्थ की
उपयोगिता और सरलता तथा सुविधायुक्त पक्षों पर भी विस्तार से सभी का
मार्गदर्शन किया। आमंत्रित वक्ता महोदय ने न केवल कंठस्थ के संबंध में सैद्धांतिक जानकारी साझा की अपितु कार्यशाला में जुड़े कर्मचारियों के साथ इसका
प्रात्यक्षिक भी प्रस्तुत किया। कर्मचारी सदस्यों ने आमंत्रित वक्ता की उपस्थिति में
अपने-अपने सिस्टम पर इसपर कार्य करने का भी प्रयास किया।
कार्यशाला के अंतिम चरण में, भा.प्रौ.सं. रोपड़ तथा नराकास रुपनगर के
कर्मचारी सदस्यों ने आमंत्रित वक्ता महोदय से कंठस्थ के संबंध में अपनी
जिज्ञासाओं रखा तथा वक्ता महोदय से अपनी जिज्ञासाओं पर समाधान प्राप्त
किया। इसके पश्चात भा.प्रौ.सं. रोपड़ के वरिष्ठ हिंदी अनुवाद अधिकारी डॉ.
गिरीश प्रमोदराव कठाणे ने आमंत्रित वक्ता महोदय, भा.प्रौ.सं. रोपड़ और
नराकास रुपनगर के उपस्थित सदस्यों का भी धन्यवाद ज्ञापित किया।

